मार्केट की गिरावट के बाद 2 दिनों में राहत, BSE मार्केट कैप 4 ट्रिलियन के करीब पहुंचा
भारतीय शेयर बाजार बीते 5 महीने में निवेशकों को खून के आंसू रुला दिए हैं. मार्केट इतना क्रैश हो गया है कि निवेशकों के करोड़ों रुपए स्वाहा हो गए हैं. लेकिन बीते 2 दिन से बाजार में अच्छी रिकवरी देखने को मिल रही है. इस रिकवरी से BSE में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप फिर से करीब 4 ट्रिलियन के करीब पहुंच गया है, जिससे निवेशकों की दौलत में 12 लाख करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बाजार के अच्छे दिन अब आने वाले हैं?
2 दिन में 12 लाख करोड़ की कमाई
बाजार में बुधवार और गुरुवार को आई तेजी से निवेशकों की दौलत करीब 12 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई. बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप बीते दिन 397,12,330 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जबकि मंगलवार को बाजार बंद होने के बाद ये 385,59,355 करोड़ रुपये था. इस तरह से निवेशकों की दौलत 2 कारोबारी दिनों में 11,52,975 करोड़ रुपये बढ़ गई. सबसे ज्यादा रिकवरी की बात करें तो स्मॉल कैप और मिड कैप स्टॉक्स में अच्छी खरीदारी बीते 2 दिनों में देखने को मिली है.
क्या बाजार के अच्छे दिन आने वाले हैं?
बाजार एक्सपर्ट्स की मानें तो फ़िलहाल ये कह पाना बहुत मुश्किल है कि भारतीय बाजार का बुरा दौर बीत गया है लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगले महीने अप्रैल में कई बड़ी खबरें आएंगी जिनका सीधा असर बाजार पर पड़ेगा, ऐसे बाजार में उतार चढ़ाव जारी रहना स्वाभाविक है. अभी भी घरेलू निवेशक 5000 से 6000 करोड़ की खरीद कर ही रहे हैं जिससे बाजार को बूस्ट मिल रहा है. वहीं, अमेरिका ने भी रेसिप्रोकाल टैरिफ का ऐलान 2 अप्रैल से किया है.
बाजार में तेजी का कारण
- चीन इंसेंटिव पैकेज उम्मीद- बाजार में निवेशकों को उम्मीद है कि चीन अपनी इकोनॉमी को रफ्तार देने के लिए नए इनसेंटिव पैकेज का ऐलान कर सकती है. जिसका सीधा असर बेस मेटल (तांबा, एल्युमिनियम) जैसी चीजों पर पड़ेगा और कीमतों में उछाल आएगा.
- ग्लोबल मार्केट से अच्छे संकेत- ट्रंप ने मैक्सिको और कनाडा पर टैरिफ को एक महीने के लिए होल्ड कर दिया है जिसके चलते अमेरिकी बाजार और एशिआई बाजार गुलजार हैं.
- डॉलर इंडेक्स में कमजोरी- अमेरिकी डॉलर इंडेक्स चार महीने के निचले स्तर 104.3 पर आ गया, जो भारत के लिए फायदे की बात है. अगर डॉलर में गिरावट जारी रही तो FIIs की बिकवाली कम हो जाएगी और बाजार में तेजी संभव हो जाएगी।
- कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट- अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें गिरकर 6 महीने के निचले स्तर पर आ गईं है, जिससे निवेशकों का सेंटीमेंट मजबूत हुआ है.
- RBI के लिक्विडिटी सपोर्ट उपाय- RBI ने बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए पिछले कुछ दिनों में कई कदम उठाए हैं. रिजर्व बैंक के इस फैसले से बैंकिंग और फाइनेंशियल शेयरों को काफी सपोर्ट मिला है.