जयपुर। पशुपालन एवं गोपालन मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश में किसानों और पशुपालकों के विकास के लिए हर संभव प्रयास में लगी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान किसानों और पशुपालकों का प्रदेश है।प्रदेश की जीडीपी में इस वर्ग का अहम योगदान है। सरकार पशुधन में दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार सेक्स सोर्टेड सीमन तकनीक को बढ़ावा दे रही है। इस तकनीक से बछड़ी पैदा होने की संभावना 85 से 90 प्रतिशत तक हो जाती है।

श्री कुमावत मंगलवार को बस्सी में गौ सार्ट, सेक्स सार्टेड सीमन से कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के शुभारंभ कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन पशुपालन विभाग, नेशनल डेयरी विकास बोर्ड तथा राज्य बीमा विकास प्रावधायी निधि के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। एनडीडीबी के अध्यक्ष श्री मिनेश शाह ने सेक्स सोर्टेड सीमन का जार मंत्री श्री कुमावत को भेंट किया। इस अवसर पर मंगला पशु बीमा के अंतर्गत गाय और भैंसों की लाटरी भी निकाली गई। उल्लेखनीय है कि मंगला पशु बीमा योजना के अंतर्गत टारगेट से अधिक संख्या में गाय और भैंसों का रजिस्ट्रेशन हुआ है।
 
श्री कुमावत ने इस अवसर पर कहा कि सेक्स सोर्टेड तकनीक किसानों तथा पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए मील का पत्थर साबित होगी। अभी यह तकनीक पशुपालकों के लिए महंगी है इसीलिए सरकार इस तकनीक को पशुपालकों की पहुंच में लाने के लिए 75 प्रतिशत अनुदानित दर पर सेक्स सोर्टेड सीमन पशुपालकों को उपलब्ध कराएगी। उन्होंने बताया कि यह तकनीक पशुपालन के क्षेत्र में एक वरदान साबित होगी क्योंकि इस तकनीक से मादा पशुओं की संख्या में बढ़ोतरी होगी और नर पशुओं की संख्या में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि आज मशीनी युग में खेतों में बैलों का इस्तेमाल न्यूनतम होने लगा है। बैल आज आवगमन के साधन के रूप में भी काम नहीं आते। ऐसे में ये अनुपयोगी हो गए हैं और सड़कों पर बेसहारा घूमते रहते हैं। इस सेक्स सोर्टेड तकनीक से नर पशु कम पैदा होंगे और उन पर होनेवाला खर्च घटेगा। श्री कुमावत ने कहा कि ज्यादा संख्या में मादा पशुओं के पैदा होने पर दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी जिससे पशुपालकों की आय बढ़ेगी। मादा पशु को बेचकर भी पशुपालक मुनाफा कमा सकता है। उच्च गुणवत्ता वाले सीमन का उपयोग करने से उच्च गुणवत्ता वाली गाय पैदा होगी जो दूध भी अधिक देगी। इस तकनीक के कारण नस्ल  सुधार में भी तेजी आएगी। श्री कुमावत ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार ने इस बजट में मंगला पशु बीमा योजना में पशुओं की संख्या दोगुनी करके 42 लाख कर दी है जिससे बड़ी संख्या में पशुपालक लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही बस्सी में पॉली क्लिनिक के लिए भवन का निर्माण भी हो जाएगा।

एन डी डी बी के अध्यक्ष मिनेश शाह ने इस अवसर पर कहा कि गायों से बछडी पैदा करने के लिए सेक्स सोर्टेड तकनीक बहुत ही सफल और कारगर तकनीक है। दुग्ध उत्पादन से जुड़े अन्य पशुओं के लिए भी एनडीडीबी इस तकनीक के इस्तेमाल के लिए काम करने की दिशा में प्रयासरत है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों और कार्मिकों से अधिक से अधिक इस तकनीक के जरिए पशुपालकों को लाभ पहुंचाने का आह्वान किया 

इस अवसर पर विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने वैज्ञानिक तरीके से इस तकनीक के बारे में बताते हुए कहा कि यह कदम पशुपालन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। इसके उपयोग से पशुपालक को चार गुना फायदा होगा। उसके पशुओं की नस्ल उन्नत होगी, उसका दूध उत्पादन बढ़ेगा, उसकी आर्थिक स्थिति उन्नत होगी, उसकी सामाजिक स्थिति सुदृढ़ होगी। साथ ही सड़कों पर बेसहारा घूम रहे नंदी और सांडों की संख्या में कमी होगी जिससे सड़क पर दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।
इस अवसर पर गाय और भैंस को कृत्रिम गर्भाधान भी कराया गया और अतिथियों ने पौधारोपण भी किया।

बाद में उन्होंने बस्सी में स्थापित फ्रोजेन सीमन बैंक का निरीक्षण भी किया। राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लि. की इकाई फ्रोजन सीमन बैंक बस्सी में राजस्थान सरकार की बजट घोषणा वर्ष 2025 के तहत आरसीडीएफ, आरएलडीबी एवं एन.डी.डी.बी. डेयरी सर्विसेज के संयुक्त तत्वाधान में बस्सी में सेक्स सोर्टेड सीमन उत्पादन शुरू करने के लिए पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री जोराराम कुमावत की अध्यक्षता में त्रिस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में राजस्थान व उत्तरी भारत के पशुपालकों को देशी तकनीकी पर आधारित सेक्स सोर्टेड सीमन उपलब्ध करवाये जाने के लिए विस्तार से चर्चा की गई। उसके बाद बैंठक में आरसीडीएफ, आरएलडीबी एवं एन.डी.डी.बी. डेयरी सर्विसेज में मध्य सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गये। एन.डी.डी.बी. द्वारा विकसित भारतीय तकनीकी आधारित सेक्स सोर्टेड सीमन सस्ती दरों पर प्रदेश के पशुपालकों को उपलब्ध करवाया जा सकेगा। 

इस अवसर पर आरसीडीएफ की एमडी श्रीमती श्रुति भारद्वाज, पशुपालन विभाग के निदेशक और आरएलडीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. आनंद सेजरा, एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज के महाप्रबंधक श्री सी पी देवानन्द सहित विभाग के अधिकारी मौजूद थे।