दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवन्यू कोर्ट में मंगलवार आज (25 फरवरी) को पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में अपना फैसला सुनाया जाएगा. यह मामला 1 नवंबर 1984 को सरस्वती विहार इलाके में पिता-पुत्र की हत्या से जुड़ा है. स्पेशल CBI जज कावेरी बावेजा मंगलवार को फैसला सुनाएंगी. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दोषी सज्जन कुमार के खिलाफ कोर्ट से फांसी की सजा की मांग की है. 

क्या है मामला?
31 जनवरी को कोर्ट ने मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश सरकारी वकील मनीष रावत की महत्वपूर्ण दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. यह मामला 1 नवंबर 1984 को सरस्वती विहार इलाके में जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या से जुड़ा है. हालांकि वकील अनिल शर्मा ने कोर्ट में दलील दी थी कि कांग्रेस नेता सज्जन कुमार का नाम शुरू से ही नहीं था. वहीं इस मामले में गवाह ने सज्जन कुमार का नाम 16 साल बाद लिया.

SIT ने 144 मामलों को खोला था दोबारा
पंजाबी बाग थाने में FIR दर्ज की गई थी, जिसके बाद जस्टिस जी पी माथुर कमेटी की सिफारिश पर गठित SIT ने इस मामले की जांच की और चार्जशीट दाखिल की. इस मामले में समिति ने 114 मामलों को फिर से खोलने की सिफारिश की थी. सरस्वती विहार से जुड़ा यह मामला भी उनमें से एक था. 16 दिसंबर, 2021 को अदालत ने आरोपी सज्जन कुमार के खिलाफ IPC की धारा 147, 148 और 149 के तहत दंडनीय अपराधों के साथ-साथ धारा 302, 308, 323, 395, 397, 427, 436 और 440 के साथ धारा 149 IPC के तहत दंडनीय अपराधों के लिए आरोप तय किए हैं. 

सज्जन कुमार पर है ये आरोप
इस मामले में जांच कर रही SIT ने आरोप लगाया है कि सज्जन कुमार ने भीड़ को हमला करने के लिए उकसाया, जिसके बाद भीड़ ने सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुणदीप सिंह को जिंदा जला दिया और उनके घरेलू सामान समेत अन्य संपत्ति  को लूट लिया था. बाद में उनका घर भी जला दिया गया था. वहीं इस हमले में घर के कई लोगों को चोटें भी आई थी.  SIT के मुताबिक यह भी दावा किया जाता है कि इस मामले में जांच के दौरान महत्वपूर्ण गवाहों का पता लगाया गया और उनकी जांच भी की गई. उनके बयान धारा 161 सीआरपीसी के तहत दर्ज भी किए गए. इस मामले में आगे की जांच के दौरान 23 नवंबर 2016 को शिकायतकर्ता के बयान को दर्ज किया गया. जिसमें उन्होंने फिर से अपने पति और बेटे की खतरनाक हथियारों से लैस भीड़ द्वारा लूटपाट आगजनी और हत्या की घटनाओं का जिक्र किया.